जयपुर। हाईकोर्ट ने राज्यपाल द्वारा अवैध बस्ती बसने और उनके जलमग्न होने के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने की टिप्पणी दोहराते हुए मौखिक रूप से कहा है कि अफसरों की अनदेखी से ही रामगढ़ बांध व अमानीशाह नाले का हाल बिगड़ा है। एनिकटों की कीमत पर रामगढ़ को मारा जा रहा है।
कोर्ट नेबांध के बहाव क्षेत्र से 15 दिन में अतिक्रमण व रूकावट हटाने के निर्देश देते इस बारे में उपखण्ड़ अधिकारियों व जयपुर विकास प्राधिकरण के सतर्कता अधिकारी से शपथपत्र मांगा है। कोर्ट ने कहा, बहाव और डूब क्षेत्र में भू-रूपान्तरण न किया जाए जिससे कॉलोनी न विकसित हो सके।
न्यायाधीश मनीष्ा भण्डारी ने राजस्थान पत्रिका की खबर"मर गया रामगढ़" पर स्वप्रेरणा से दर्ज मामले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, बारिश इतनी नहीं हुई कि ऎसी स्थिति पैदाहो। ऎसा अधिकारियों की अनदेखी के कारण हुआ है। कोर्ट ने सुनवाई 4 सितम्बर तक टालते हुए कहा, बांध क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी व जेडीए के सतर्कता अधिकारी शपथपत्र दें कि बांध व उसके बहाव क्षेत्र में कोई अतिक्रमण या रूकावट नहीं है अगर है तो उसे पुलिस की मदद से 15 दिन में हटा दिया जाए।कोर्ट ने बहाव क्षेत्र में हुए आवंटनों की जानकारी मांगी है।
यह भी कहा कोर्ट ने
आमजन को बांध या उसके बहाव क्षेत्र में अवैध कब्जे की जानकारी हो तो उसकी सूचना अतिरिक्त महाधिवक्ता आर.पी. सिंह अथवा मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य वीरेन्द्र डांगी या अशोक कुमार भार्गव को दें। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए, जिससे अधिकारियों के जवाब पर सच्चाई सामने आ सके।
बहाव क्षेत्र में पानी के लिए रूकावट बनी दो सड़कों केपास कॉज वे बनाएं।
मॉनिटरिंग कमेटी ने कोर्ट को बताया, बांध के पास 10-15झरनों से आ रहा पानी फार्म हाउस की दीवार से रूक रहा है। कुछ जगह पानी कुओं में मोड़ दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कमेटी को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए 4 सितम्बर का समय दिया।
सरकार करे कानून बदलने पर विचार
कोर्ट ने बहाव क्षेत्र में रसूखदारों को भूमि आवंटित होने को पानी आने में बड़ा रोड़ा बताते हुए कहा, आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया जटिल है और इसमें समय लगता है। गलत आवंटन दिखे तो तुरन्त कार्रवाई हो। सरकार कानून में बदलाव कर रेफरेंस के मामले सुनने का अधिकार राजस्व मंडल के बजाय प्रशासन में उच्च अधिकारियों को दे। इससे रेफरेंस के वष्ाोü चलने वाले मामलों में तुरन्त कार्रवाई हो सकेगी।
एनिकटों की ऊंचाई घटाएं
कोर्ट ने कहा, रामगढ़ बांध क्षेत्र में 450 एनीकट हैं। पता नहीं कोर्ट के पूर्व के आदेश के बावजूद उनकी ऊंचाई घटाकर दो मीटर की है या नहीं? सरकार इस बारे में भी शपथपत्र दे। कोर्ट ने कहा, सरकार गांव से दूर बने एनीकटों को हटाने या ऊंचाई एक मीटर करने पर फैसला ले। इनकी ऊंचाई घटने से ही बाणगंगा नदी का पानी 16 साल बाद रामगढ़ के पास तक पहुंच है।
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1 comment:
very good thoughts.....
मेरे ब्लॉग
जीवन विचार पर आपका हार्दिक स्वागत है।
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