जयपुर। राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को समेटे किले या महल की बात हो या फिर शाही रेलों की। दूर-दूर तक फैले रेतीले धोरों का लुत्फ हो या फिर बाघों की
चहलकदमी की। धोरों की धरती सभी को आकर्षित करती है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगने वाले मेले भी पर्यटकों को खासा लुभा रहे हैं। इसके चलते 2010 की तुलना में इस साल पर्यटकों के तादाद बढ़ी है।
घरेलू पर्यटकों की संख्या में करीब 16 लाख की वृद्धि हुई है तो विदेशी सैलानियों में 1 लाख 20 हजार का इजाफा हुआ है।
घरेलू में सातवां, विदेशी में पांचवां
केंद्रीय पर्यटन विभाग के 2011 के आंकड़े के अनुसार भारतीय पर्यटकों के आगमन में राजस्थान देश में सातवां और विदेशी सैलानी में पांचवां स्थान है। घरेलू पर्यटक की संख्या दो करोड़ 71 लाख और विदेशी पर्यटकों की संख्या 14 लाख रही। इस साल 15 करोड़ 54 लाखपर्यटकों के साथ घरेलू पर्यटन में उत्तरप्रदेश ने बाजी मारी, वहीं महाराष्ट्र ने सबसे ज्यादा 48 लाख विदेशी पर्यटकों आकर्षित किया। घरेलू पर्यटन में जहां करीब 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या में करीब 16 प्रतिशत की गिरावट आई है।
पर्यटक 2010 2011
घरेलू 2. 55 करोड 2. 71 करोड़
विदेशी 12 लाख 79 हजार 14 लाख
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5 comments:
बहुत बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
Very nice post.....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.
Very nice post.....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.
बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
जयपुर हमारे देश का गौरव .
शानदार पोस्ट के लिए जानकारी सहित बधाई .
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