10/15/12

पदोन्नति में आरक्षण मामला: मुख्य सचिव सहित आठ को नोटिस

जयपुर। हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त, 2012 के आदेश का उल्लंघन करने पर राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव, प्रमुख राजस्व सचिव व प्रमुख जलसंसाधन सचिव सहित आठ को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने शुक्रवार को यह अंतरिम आदेश राकेश कुमार कौशल व अन्य की याचिका पर दिए। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने 12 सितंबर व 18 सितंबर, 2012 को सभी विभागोंको निर्देश दिया कि 11 सितंबर, 2011 की अधिसूचना केआधार पर पदोन्नति करें। सरकार की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त, 2012 के आदेश का उल्लंघन है। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने में भटनागर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सूरजभान मीणा के मामले में दिए गए निर्णय का पालन करने का निर्देश दिया था। ऐसे में 11सितंबर, 2011 की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की विषय वस्तु थी और सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिसूचना को आदेश का पालन करना नहीं माना। लिहाजा राज्य सरकार द्वारा 12 व 18 सितंबर 2012 को सभी विभागों को 11 सितंबर2011 की अधिसूचना के आधार परपदोन्नति करने का निर्देश देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। याचिका में कहा कि भटनागर कमेटी ने केवल 17 सेवाओं का अध्ययन किया है, इसलिए कमेटीकी रिपोर्ट इन सेवाओं के अलावा अन्य सेवाओं पर लागू नहीं है। कमेटी ने भी माना है कि 17 सेवाओं में से 15 सेवाओं में उच्चतम स्तर पर आरक्षित वर्ग के लोग पर्याप्त से अधिक हैं। यह थी 11 सितंबर 11 की अधिसूचना: राज्य सरकार ने 11सितंबर 2011 की अधिसूचना से आरक्षित वर्ग को पारिणामिक वरिष्ठता का लाभ दिया अर्थात जिस तारीख से आरक्षित वर्ग के कर्मचारी पदोन्नत हुए, उसी तारीख से उन्हें वरिष्ठता का लाभ दिया। इस अधिसूचना में दिसंबर 02 व अपै्रल 08 की अधिसूचनाओं को वापस ले लिया और सरकारी सेवाओं में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में सेवा नियमों में संशोधन कर दिया। जबकि दिसंबर 02 व अपै्रल 08 की अधिसूचनाओं को हाईकोर्ट ने 5 फरवरी 2010 के आदेश से निरस्त कर दिया था।

1 comment:

Shanti Garg said...

आरक्षण एक रोग बन कर सामने आ रहा है....